छुपमछुपाई

रविवार, 24 जुलाई 2011

गरीब का आटा अमीर की कार

मैंने "चेहरो की  पुस्तक  " facebook... के माध्यम से सभी महानुभावों से एक सवाल किया था के महंगाई को खत्म करने का सबसे आसान तरीका क्या है ? किन्तु किसी ने  कहा के सोचना पड़ेगा किसी ने कहा के भ्रष्ट्राचार के खत्म होने से ये संभव है किन्तु ये सभी जवाब उचित नहीं है तो फिर इस बात का जवाब भी मै ही दे देता हू ...दोस्तों  नशा शब्द से तो आप सभी परिचय होंगे नशा कई प्रकार का होता है वो चाहे गरीब का हो या अमीर का जो नशा करता है वो करेगा जरूर ..जैसे गरीब का मेहनत का नशा अमीर को दौलत का नशा.
गरीब यदि दूकान पर नशा लेने जायेगा और पता चलेगा के ५० रूपए महंगा हो गया है नशा तो वो वापस नहीं आएगा बिना नशा लिए ..क्यूकी ५० ही रूपए तो बढे है यार ले लो ....
अमीर जब शो रूम में जायेगा और पता चलेगा के लक्सरी कार में ५० हज़ार बढ़ गए है तो वो बिना कार लिए वापस नहीं आएगा ये होता है नशा ..
ये एक उदाहरण  है अमीर और गरीब की मानसिकता का ..और इस मानसिकता को हमारी सरकार अच्छी तरह से समझती है तो फिर गरीब क्यो भोजन के लिए तरस रहा है ?
यदि कार ,ट्रक ,बस,प्राइवेट प्लेन , हर उस वस्तु पर जिसकी कीमत ३ लाख रूपए के उपर है उसपर यदि ५० हज़ार रूपए बढ़ा दिए जाये ..और हर वो वस्तु जो गरीब आदमी का पेट भर सके मसलन  ..आटा ,दाल ,चावल ,घी ,तेल ,शक्कर,दूध ,गैश,आदि को सस्ता कर दिया जाए ..यदि आटा पर १० रूपए कम किये जाये जो कीमत होगी =२ रूपए किलो
इसी प्रकार से यदि रोज मर्रा कि चीजों पर दाम आधे से भी कम हो जाये तो क्या महंगाई खत्म नहीं होगी ?
कार का शौक करने वाला जो हर ६ महीने में नई कार खरीदता है कार खरीदना बंद कर देगा ?
क्या १५ लाख की बस खरीदने वाला ५० हज़ार के लिए बस नहीं खरीदेगा ?
क्या १० लाख का ट्रक खरीदने वाले को ५० हज़ार ज्यादा लगेंगे ?....नही लगेंगे वो अपना शौक पूरा करेगा और गरीब का पेट भरेगा ..क्या ये मूढ़ सरकार चाह कर भी इस तरफ नहीं सोचती या फिर सरकार गरीबी खत्म ही नहीं करना चाहती ..आखिर सरकार चाहती क्या है ?
गरीब का आटा ..या अमीर की कार ?

1 टिप्पणी:

  1. आज के नेता तो नवाब वाजिदअली शाह को नौकर रख ले,हैदराबाद के सुलतान को अपने घर में बावर्ची बना लें,पर अफ़सोस अब ये लोग ज़िंदा नही हैं,इसलिए मजबूरी में सारे नेता देश की जनता का पैसा स्विस बैंक में जमा कर रहे है, वैसे आपने अपने लेख के माध्यम से जो सुझाव दिए है वो बहुत बढ़िया और विचार करने योग्य है...

    आपका लेख अति उत्तम है..

    जवाब देंहटाएं

मेरी रचना पर विचार व्यक्त करने के लिय आप को अग्रिम धन्यवाद..